Sunday, January 8, 2012

जलना हो तो सूरज सा जल के देखो


दूसरों की खुशियों पे
दुःख जताने वालों,
आसमां की तरह 
छत चाहाने वालों,
क्यों तिनके तिनके पे, 
इस कदर जलते हो,
जब जलना ही है तो 
सूरज सा जल के देखो l 
धरती की छाती को, 
फाड़ने वालों,
चाँद की सतह पर 
पताका गाड़ने वालों,
खुद के कदमो की 
जमीं को भी देखो,
इरादे हैं तुम्हारे नेक तो 
सूरज सा बन के देखो 
हर ले हर तम 
दूसरे के घर का 
चिराग ही है अगर बनना
तो ऐंसा बन के देखो 
जब जलना ही है तो 
सूरज सा जल के देखो !........रचना -राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' 




मशरूम च्युं

मशरूम ( च्युं ) मशरूम प्राकृतिक रूप से उत्पन्न एक उपज है। पाहाडी क्षेत्रों में उगने वाले मशरूम।